पानी को बर्फ में,
बदलने में वक्त लगता है !!
ढले हुए सूरज को,
निकलने में वक्त लगता है !!
बदलने में वक्त लगता है !!
ढले हुए सूरज को,
निकलने में वक्त लगता है !!
थोड़ा धीरज रख,
थोड़ा और जोर लगाता रह !!
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है !!
थोड़ा और जोर लगाता रह !!
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है !!
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,जमीं नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ,जितनी गहराई अन्दर है, बाहर उतना तूफ़ान बाकी है…
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा,
बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती,
जो जल रहा है तिल-तिल, उसी दीए में उजाला होगा…
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